IJFANS International Journal of Food and Nutritional Sciences

ISSN PRINT 2319 1775 Online 2320-7876

मुक्तिबोध के काव्य में श्रमिक जीवन के विविध आयाम

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डॉ. एन.पी. प्रजापति

Abstract

सारांश :- मुक्तिबोध एक ऐसे कवि थे जिन्होंने अपने काव्य में भारतीय समाज की गहरी जड़ों को छुआ। उनके काव्य में श्रमिक,यानी मजदूर वर्ग का जीवन एक प्रमुख विषय रहा है। मुक्तिबोध ने मजदूर के जीवन के विविध आयामों को बड़ी संवेदनशीलता और गहराई के साथ चित्रित किया है। शोषण और उत्पीड़न,सामाजिक यथार्थ,समाज में व्याप्त आर्थिक असमानता को उजागर किया है. उनके काव्य में मजदूर के संघर्ष और विद्रोह,विद्रोह की भावना,समाज में परिवर्तन की चाह,क्रांति की आशा श्रमिकों में जगाई है।वास्तव में श्रमिक अपने अस्तित्व का संकट,असुरक्षा और निराशा से भरे भविष्य के साथ जीवन जीने को विवश रहता है.उसके जीवन में चिंता,अधूरे सपने,मानव जनित अधिकारों से दूर अलगाव और एकाकीपन, की जिन्दगी,रोजी-रोटी और तन ढकने के साथ-साथ अपने रहने के लिए झोपडी का संघर्ष आजीवन लेकर जीने को विवश हैं। इन्ही तमाम पहलुओं पर विस्तार से चर्चा इस शोध आलेख में किया गया है।

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