IJFANS International Journal of Food and Nutritional Sciences

ISSN PRINT 2319 1775 Online 2320-7876

सूर्यबाला के कथा-साहित्य में संवेदना के विविध स्तर

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अनार यादव

Abstract

विषय प्रथम, प्रसिद्ध एवं समानरूपेण चित्रित हुआ है-वह है संवेदनात्मक अनुभूति। बारह से अधिक कहानी संग्रह, छः उपन्यास, अनेक व्यंग्य लेख सूर्यबाला की लेखनी से अभिव्यक्ति पाकर हिन्दी पाठकों में चर्चित हुए है। ज्वलन्त समस्याओं तथा यथार्थ की अभिव्यंजना करते हुए लेखिका ने संवेदना शून्य होते जा रहे मानव हृदय पर, सूक्ष्म से सूक्ष्म भावों को, जीवन में प्रस्तुत होने वाली अप्रत्याक्षित घटनाओं को, मनुष्य की निजता को सार्वजनिकता तक लाने हेतु भावात्मक मनोविज्ञान का सहारा लेकर अपनी कृतियों में संवेदनाओं को विविधमुखी विषयों, भिन्न-भिन्न पात्रों का आधार लेकर कलात्मक ढाँचे में ढालने का असंभव प्रतीत होने वाला सफल कार्य किया है। प्रस्तुत शोध-पत्र 'सूर्यबाला के कथा-साहित्य में संवेदना के विविध स्तर' सूर्यबाला जी के व्यक्तित्व और कृतित्व के संग उनके कहानी-उपन्यासों का समग्र-सम्यक विश्लेषित अध्ययन प्रस्तुत कर, समकालीन लेखिकाओं से इत्तर लेखन हेतु प्रसिद्धि के कारणों की खोज करते हुए सूर्यबाला जी के साहित्यिक-प्रयोजन को प्रस्तुत करने का प्रयास करता है।

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