Volume 14 | Issue 5
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प्रेमचंद की कहानियाँ भारतीय साहित्य में यथार्थवाद और समाज सुधार का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। उन्होंने अपनी कहानियों के माध्यम से भारतीय समाज की जटिलताओं, जैसे गरीबी, जातिवाद, वर्ग भेद, महिला अधिकार, और ग्रामीण जीवन की समस्याओं को उजागर किया। यह शोध-पत्र उनकी कहानियों की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता को रेखांकित करता है। विशेष रूप से, उनकी कहानियों में वर्णित नैतिकता, मानवीय मूल्य, और सामाजिक चेतना को आज के समाज की चुनौतियों से जोड़ा गया है। साथ ही, प्रेमचंद के साहित्यिक योगदान, उनकी कहानियों के समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण, और आधुनिक पाठकों के लिए उनकी प्रासंगिकता को समझने का प्रयास किया गया है। शोध-पत्र यह निष्कर्ष निकालता है कि प्रेमचंद की कहानियाँ न केवल अतीत का दस्तावेज़ हैं, बल्कि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत हैं।