IJFANS International Journal of Food and Nutritional Sciences

ISSN PRINT 2319-1775 Online 2320-7876

मुग़ल क़ालीन स्थापत्य कला

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रवींद्र शोधार्थी, डॉ सुमेस्ता श्योरान

Abstract

मुग़ल काल (1526-1857) भारतीय स्थापत्य कला के स्वर्ण युग के रूप में प्रसिद्ध है। इस शोध पत्र में मुग़ल क़ालीन स्थापत्य कला की प्रमुख विशेषताओं, इसके विकासक्रम और इसके उत्कृष्ट उदाहरणों का विश्लेषण किया गया है। मुग़ल स्थापत्य कला में गुंबद और मीनारों का अद्वितीय उपयोग, जाली का बारीक काम, और उद्यान निर्माण की विशिष्ट शैली शामिल है। इस कला ने इस्लामी और भारतीय स्थापत्य शैली का समन्वय किया है, जिससे एक अनूठी वास्तुकला शैली का उद्भव हुआ। बाबर से लेकर औरंगज़ेब तक, प्रत्येक शासक ने स्थापत्य कला में अपना योगदान दिया, जिसमें ताजमहल, लाल किला, फतेहपुर सीकरी और जामा मस्जिद जैसे उत्कृष्ट उदाहरण शामिल हैं। इस शोध पत्र का उद्देश्य मुग़ल क़ालीन स्थापत्य कला की महत्ता को समझना और इसके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभावों का मूल्यांकन करना है।

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